Dil na Janeya in Hindi Love Stories by दुःखी आत्मा जलीभूनी books and stories PDF | दिल ना जानेया - (प्रोमो)

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दिल ना जानेया - (प्रोमो)

दिल ना जानेया (प्रोमो)



दिल्ली की सड़कों पर नील अवस्थी गुस्से में गाड़ी चलाए जा रहा था। उसके कानों में चारु की कही बातें गूंज रही थी "नामर्द हो तुम! तुम जैसे इंसान के साथ शादी करना अपने खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारना होगा। मैं हमेशा सोचती थी कि आखिर तुम अपने काम में इतना बिजी क्यों रहते हो? किस बात का जुनून है तुम्हें? लेकिन नहीं! तुम्हें तो कुछ महसूस ही नहीं होता, मेरे छूने से भी नहीं। मैं यह शादी नहीं कर सकती। तुम जैसा इंसान मुझे कभी खुश नहीं रख पाएगा, बच्चे तो दूर की बात है।"
अपना यह अपमान नील से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने गुस्से में चारु को एक थप्पड़ लगा दिया। "तुम जैसी लड़की के साथ मैं भी कोई रिश्ता नहीं जोड़ना चाहता। अपने लिए कोई ऐसा इंसान ढूंढो जो तुम्हारी गर्मी शांत कर सके।"
जो नील कभी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं करता था, कोर्ट रूम में भी अपनी मर्यादा उसने हमेशा बनाए रखी आज चारु की इन बातों ने उसे अंदर तक जला दिया था। इतना बड़ा अपमान वो कैसे कर सकती थी? आखिर एक महीने बाद उन दोनों की शादी होने वाली थी। सबको शादी की खबर थी और आज ऐसे ही नील सारे रिश्ते खत्म कर चला आया। वैसे खत्म तो सब कुछ चारु ने हीं किया था।
नील का फोन बार बार बज रहा था लेकिन वो अपने गुस्से में इतना पागल हो गया था कि उसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था, सिवाय चारु के उन अपमान भरे शब्द के। अपने जीवन में सफल होने के बावजूद, हर तरह के सुख सुविधा जुटाने के बावजूद आज चारु ने उस पर नामर्द होने का ठप्पा लगा दिया।
गाड़ी चलाते हुए नील ने किसी को फोन लगाया। पूरी रिंग जाने के बाद भी दूसरी तरफ से किसी ने फोन नहीं उठाया तो नील ने एक बार फिर कॉल किया। कुछ देर घंटी जाने के बाद दूसरी तरफ से किसी ने कॉल रिसीव किया और बोला "क्या है यार! तुझे तो अपनी लाइफ इंजॉय करनी नहीं है, मैं करने जा रहा हूं तो तुझे क्या प्रॉब्लम हो रही है? तू क्यों इतनी रात को मुझे डिस्टर्ब कर रहा है?"
नील अपना गुस्सा कंट्रोल करते हुए बोला "कहां है तू?" दूसरी तरफ से आवाज आई "होटल रेडिशन में। कोई मेरा इंतजार कर रही है भाई! इस बार, पहली बार मैं किसी वर्जिन के साथ होने वाला हूं। मतलब तू समझ रहा है ना? अब जल्दी से फोन रख, वो कमरे में मेरा इंतजार कर रही होगी।"
नील ने सड़क के किनारे गाड़ी रोकी और बोला "क्या आज रात के लिए वो लड़की मुझे मिल सकती है?" दूसरी तरफ मौजूद रॉकी ने जब सुना तो उसकी आंखे हैरानी से फैल गई। उसने अपने फोन चेक किया तो कॉल नील का ही था। फिर उसने अपने कान में उंगली डालकर कान को साफ किया फिर बोला "तूने अभी अभी क्या कहा? मेरे कान बज रहे है शायद!"
नील ने इस बार तेज आवाज में कहा "क्या आज रात के लिए वह लड़की मुझे मिल सकती है?"
रॉकी को जब यकीन हो गया कि उसने कुछ गलत नहीं सुना तो उसने कहा "यह तू क्या बोल रहा है यार? मेरी लाइफ में पहले ही कोई लड़की नहीं है और कोई होगी भी नहीं। लेकिन तू ऐसा क्यों कर रहा है? अगले महीने तेरी शादी है। तू क्यों खुद को बदल रहा है? जिस इंसान ने कभी किसी लड़की की तरफ नजर उठाकर नहीं देखा वो आज की रात किसी अनजान लड़की के साथ......…..!"
नील का सब्र अब जवाब दे चुका था। वो चिल्लाते हुए बोला "कोई शादी नहीं करने वाला मैं! सुन लिया तूने! तू सिर्फ इतना बता, आज रात मुझे लड़की मिलेगी या नहीं? अगर नहीं तो फिर कभी मेरे लिए दूसरी का इंतजाम कर!"
रॉकी समझ गया कि जरूर कोई ऐसी वैसी बात हुई है वरना नील ने कभी किसी लड़की को छुआ तक नहीं था, उस लड़की को भी नहीं जिससे उसकी शादी होने वाली थी। उसने कहा "मैं तुझे रूम नंबर भेज रहा हूं। तू बस होटल आजा।"
नील ने फोन को साइड में फेंका और होटल की ओर चल पड़ा। होटल के बाहर ही रॉकी उसका इंतजार कर रहा था। नील को आते देख उसने उसके दोनों बाजुओं को पकड़कर कहा "क्या हो गया तुझे? इतना किस बात का गुस्सा है? चारु से लड़ाई हुई है तेरी? देख यार! जरा जरा सी बात पर इस तरह रिएक्ट नहीं करते। अभी भी वक्त है सोच ले।"
लेकिन नील लिफ्ट की तरफ बढ़ गया। रॉकी ने उसे पहले ही रूम नंबर भेज दिया था और वह खुद भी साथ में था। रूम के बाहर पहुंचकर नील ने सीधे सीधे चाबी मांगी। नील ने अपने जेब से चाबी तो निकाली लेकिन उसे देने में थोड़ा हिचकिचा रहा था। "यार वो सिर्फ उन्नीस साल की है। तेरे गुस्से को झेल नहीं पाएगी।" लेकिन नील ने चाबी छीनी और दरवाजा खोलकर अंदर चला गया। रॉकी वहीं से वापस लौट गया।
नील जब कमरे के अंदर पहुंचा तो उसने देखा वाकई एक 19 साल की लड़की सर झुकाए नाईट ड्रेस में खड़ी थी। उसकी ड्रेस काफी रिवीलिंग थी लेकिन अपने अपमान और गुस्से की आग में जलते नील का ध्यान किसी भी चीज पर नहीं गया। उसने अपना कोट उतारकर साइड में फेंका और उस लड़की को गोद में उठाकर बिस्तर पर पटक दिया। वह लड़की बुरी तरह डर गई। उसे पता था उसके साथ क्या होने वाला है लेकिन फिर भी यह सब उसके साथ पहली बार था। नील उसके ऊपर आकर उसे जबरदस्ती किस करने की कोशिश करने लगा लेकिन यह तो खुद उसके लिए भी पहली बार ही था। वह लड़की आंखें मूंदे अपने साथ जो हो रहा था उसे बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी।
ना चाहते हुए भी उसके मुंह से सिसकी निकल ही गई। जिसे सुनकर नील होश में आया और उस लड़की को कांपते देख वो एकदम से उस लड़की से दूर हट गया। "क्या कर रहा है तू नील? खुद को मर्द साबित करने के लिए इस तरह हैवान बनना जरूरी है क्या?"
नील ने एक बार भी उस लड़की की तरफ नहीं देखा और बोला "पहली बार है तुम्हारे लिए?"
वो लड़की अभी भी बुरी तरह से डरी सहमी बिस्तर पर उसी हालत में पड़ी हुई थी। उसके कपड़े अस्त व्यस्त हो चुके थे। नील ने बिना उसकी तरफ देखे चादर उठाकर उसके ऊपर डाल दिया और फिर पूछा। लड़की ने बस अपना सर हिला दिया।
"क्यों कर रही हो यह सब? कोई मजबूरी है? घरवालों ने मजबूर किया? कितने पैसे चाहिए थे तुम्हें?"
वो लड़की सुबकते हुए बड़ी मुश्किल से बोली "मजबूरी ना होती तो यहां ना होती। घर की जरूरतों को पूरा करने का जिम्मा सिर्फ मां बाप का नहीं होता सर! जब कहीं से कोई रास्ता नजर ना आए तो हर इंसान कोई ना कोई गलत कदम उठा ही लेता हैं। अगर घर वालों को पता चला तो मर जाएंगे सब।"
नील अपनी कोट की जेब से एक कार्ड निकाल कर उसकी तरफ बढ़ाते हुए बोला "इसमें दस लाख रुपए हैं। शायद इससे तुम्हारी सारी मुसीबतें हल हो जाएंगी। बस एक रिक्वेस्ट है दोबारा इस गंदगी में मत आना। और थैंक यू सो मच.…...... तुमने मुझे वापस से इंसान बना दिया। तुम्हारा एहसान जिंदगी भर मेरे सर रहेगा।"
वो लड़की नील को देखती रह गई और नील उस कार्ड को वहीं बिस्तर पर छोड़कर वहां से निकल गया।